ये कारवां बस यूहीं चलेगा, तारों की महफ़िल में फिर चाँद तनहा होगा, साया भी हमराही बन, थक कर, कुछ पल अंधेरों में साथ छोड़ देगा, तुम मेरे हमराही बन कर, कुछ दूर मेरे साथ चलो...........
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